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			| शब्द का अर्थ |  
				| पुनरावर्ती ज्वर					 : | पुं० [सं०] किलनी, जूँ आदि के काटने से होनेवाला एक प्रकार का विकट ज्वर जो पहले तो एक सप्ताह तक निरन्तर रहता है, और तब उतर जाने के बाद भी फिर आने लगता है। (रिलैप्सिंग फीवर) |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  
				| पुनरावर्ती ज्वर					 : | पुं० [सं०] किलनी, जूँ आदि के काटने से होनेवाला एक प्रकार का विकट ज्वर जो पहले तो एक सप्ताह तक निरन्तर रहता है, और तब उतर जाने के बाद भी फिर आने लगता है। (रिलैप्सिंग फीवर) |  
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं |  |